Sunday, October 26, 2014

कभी रोने न दिया...!!!



मुझको उन अनछुए .. लम्हात ने रोने न दिया...
कुछ अधूरे से ......  बयानात ने रोने न दिया ;

उनको एतराज़ था वो सख्त ... मेरे रोने पर ...
आज तक उनकी ... उसी बात ने रोने न दिया ;

उम्र भर यूँ तो चली हूँ  मैं .... तनहा  तनहा....
साथ गुजरी थी जो .. इक रात ने रोने न दिया ;

जब भी चाहा के जी भर कर  ... अब तो रो लें....
उनकी याद़ों की  .... करामात ने रोने न दिया ;

ज़िंदगी जब भी कभी तुझको .. समझना चाहा...
ऐसे बदले मेरे  .....  हालात ने रोने न दिया ;

सोचती हूँ कि कभी दर्द तो .... कुछ कम होगा ...
जम के उभरे हुए .... ज़ज्बात ने रोने न दिया ;

कुछ मेरा ज़ज्ब भी भारी था .... गमे-जानां पर...
हर कदम पर नए ....  सदमात ने रोने न दिया ... !!


.............................................................................'
तरुणा'.....!!!



Mujhko un unchhuye ... lamhaat ne rone na diya...
Kuchh adhoore se ... bayaanaat ne rone na diya ;

Unko aitraaz tha wo sakht ... mere rone par ....
Aaj tak unki ..... usee baat ne rone na diya ;

Umr bhar yun to chali hun main ... tanha tanha ..
Saath guzri thi jo  .... ik raat ne rone na diya ;

Jab bhi chaha ke jee bahr kar ... ab to ro len...
Unki yaadon ki ..... karaamaat ne rone na diya ;

Zindgi jab bhi kabhi tujhko .... samjhna chaha...
Aise badle mere ..... haalaat ne rone na diya ;

Sochti hun ki kabhi dard to .... kuchh kam hoga ..
Jam ke ubhre huye .... zazbaat ne rone na diya ;

Kuchh mera zazb bhi bhari tha ... game-jaana par ...
Har kadam par naye ... sadmaat ne rone na diya ...!!


........................................................................................'Taruna'...!!!

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